अपने दुख को अकेले ही सहने की कोशिश न करें। अपने दोस्तों, आध्यात्मिक लोगों अपने शुभचिंतकों व प्रोफेशनल की सेवा लेने में हिचकिचाएं नहीं। यह सहयोग आपको जीवन की उस नई तस्वीर को देखने में मदद करेगा, जिसे आप नहीं देख पा रहे हैं। दूसरों का सहयोग मन में बनने वाले दुख के दुष्चक्
हकलाना, तुतलाना - बच्चों का हकलाना, आँवला चबाने से ठीक हो जाता है, जीभ पतली होकर आवाज साफ आने लगती है, एक चम्मच पिसा हुआ आँवला घी में मिलाकर नित्य चाटतें रहे। तुतलाना ठीक हो जाएगा। नित्य 2 बादाम भिगोकर, छीलकर, पीसकर, आधी छटाँक (31ग्राम)
1. खाने में गुड या मिस्री का प्रयोग करें, चीनी के प्रयोग से बचें। 2. नमक का अधिक सेवन न करें। आयोडिन युक्त समुद्री नमक का उपयोग बिल्कुल भी नही करे! सेधां, काला या डली वाला नमक इस्तेमाल करें। 3. मे
1. सुबह मे पेट भर भोजन करें। जबकि रात मे बहुत हल्का भोजन करें। 2. रात को खीरा, दही और कोई भी वात उत्पन्न करने वाली चीज न खाये। 3. दही के साथ उड़द की दाल न खाये। जैसे- दही और उड़द की दाल का बना हुआ भल्ला। 4. दूध के साथ नमक या नमक की बनी कोई भी चीज न खाये। क्य
हमेशा पानी को घूट-घूट करके चबाते हुए पीए और खाने को इतना चबाये की पानी बन जाये। किसी ऋषि ने कहा है कि ‘‘खाने को पियो और पीने को खाओ’’। खाने के 40 मिनट पहले और 60 - 90 मिनट के बाद पानी पिये और फ्रीज का ठंडा पानी, बर्फ डाला हुआ पानी जीवन में कभी भी नहीं पिये। गुनगुना